१५वीं लोकसभा में ३१४ करोड़पति सांसद हैं
सोचा तो था हर हफ्ते कुछ लिखने के बारे में , जब वक्त मिलता है या यूँ कहिये मन करता है तब लिख देता हूं
शनिवार, 21 अगस्त 2010
करोड़पति बहुमत में हैं!
१५वीं लोकसभा में ३१४ करोड़पति सांसद हैं
शनिवार, 7 अगस्त 2010
हाजी मस्तान ने कहा था-' मैंने कभी तस्करी नहीं की'
रविवार, 18 जुलाई 2010
लादेन जिन्दा होगा तो वो भी हंसेगा
फिल्म कराची में रची-बसी हैं. हीरो अली हसन ९/११ के तीन दिन बाद अमेरिका में नौकरी करने निकलता हैं पर हमले से डरे अमेरिका में आतंकवादी समझकर वापस भेज दिया जाता हैं. कहां तो वो अमेरिका के न्यूज़ चैनल में काम करने चला था,पर कराची के डंका टीवी का रिपोर्टर बनकर रह जाता हैं. डंका टीवी के एडीटर -कम - मालिक उसे किसी लायक नहीं मानते.रह रहकर अमेरिका जाने का उसका सपना जाग जाता हैं.एजेंट उसे अमेरिका भेजने के बदले १० लाख रुपये मांगता हैं.इस बीच, डंका टीवी में भी उसकी नौकरी पर बन आती हैं. उसे मुर्गो की बांग के नेशनल कॉम्पिटिशन कवर करने एडीटर ये कहकर भेजता हैं कि अबकी बार स्टोरी ठीक से नहीं की तो नौकरी गई समझो. स्टोरी जिस तरह शूट होती हैं उसमे उसकी नौकरी जाना तय लगता हैं. तभी एडिट टेबल पर उसकी नज़र विजेता मुर्गे के मालिक नूर पाशा पर पड़ती हैं. हजार मुर्गियों का मालिक ओसामा का हमशक्ल हैं. अली नूर को फंसाकर उसका टेप बनाता हैं और ओसामा की अमेरिका को चेतावनी का टेप अपने ही चैनल के मालिक को १० लाख में बेच देता हैं. टेप भारत के चैनल से होते अमेरिका पहुंचता हैं. नकली टेप ऐसी आग लगाता हैं कि अमेरिका बिना सोचे समझे अफगानिस्तान पर हमला बोल देता हैं.
सोमवार, 8 फ़रवरी 2010
शालिनीताई का स्कूल
शालिनी ताई को मेरी श्रद्धांजलि.
सोमवार, 1 फ़रवरी 2010
गूगल की जय हो !
प्रमोद महाजन जब आईटी मंत्री बने थे तो उन्होंने मुम्बई में प्रेस कांफ्रेंस के बाद पूछा था कि सरकार आप लोगों के लिए क्या कर सकते हैं? ये वैसा ही सवाल था जैसा हर नेता हरेक आदमी से पूछता हैं और आदमी चौड़ा हो जाता हैं कि मुझे पूछा तो सही. मैंने महाजन के सवाल के जवाब में कहा था कि हिंदी का फॉण्ट और टाइपिंग का यूनीफोर्म सॉफ्टवेयर डेवेलप करा दीजिए. ये कोई १० साल पहले की बात होगी. उन दिनों में सी-डेक इस दिशा में काम कर रहा था, फिर भी जितने फॉण्ट होते थे उतने की-बोर्ड.हमारे इंदौर के वेबदुनिया वालों ने भी फोनेटिक की-बोर्ड बनाया था.ये सब प्रयोग होते-होते हिंदी का एक की-बोर्ड डेवलप हो गया जो अलग-अलग फॉण्ट पर भी चलने लगा.मैं तमाम कोशिश के बाद भी इस की-बोर्ड से हिंदी टायपिंग नहीं कर पाया.हिन्दी और अंगरेजी के अलग-अलग की-बोर्ड याद करना मुश्किल हैं.
खैर, गूगल ने करीब दो-ढाई साल पहले वो सॉफ्टवेयर ला दिया जिसके जरिये आप रोमन की-बोर्ड में टाइप करें और नागरी के शब्द लिखे. ये सॉफ्टवेर भी थोडा जटिल था, लिखा हुआ सेव करने में दिक्कत होती थी और उससे भी बड़ी परेशानी ये थी कि ये सॉफ्टवेयर बिना इंटरनेट के नहीं चलता था, पर गूगल ने इस साल की शुरुआत में कमाल कर दिया. ये सॉफ्टवेर आप अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं और मजे से टाइप कर सकते हैं.ये ब्लॉग मैंने आज ऑफ़लाइन लिखा हैं.गूगल ने वो कर दिया जो भारत सरकर हिंदी के लिए नहीं कर पायी. न प्रमोद महाजन न ही उनके बाद आने वाले आईटी मंत्री.
हालाँकि स्मार्टफोन के ज़माने में ये तकनीक अभी भी पीछे हैं,ब्लैकबेरी पर आप हिंदी में मेल क्या कुछ भी लिख पढ़ नहीं सकते. आई-फोन और माइक्रोसॉफ्ट से चलने वाले फोन में आप हिन्दी पढ़ सकते हैं और शायद बहुत मेहनत के बाद लिख सकते हैं यानी हिन्दी को अ़ब मोबाइल प्लेटफोर्म में एकसार करने वाली तकनीक की जरूरत हैं.उम्मीद हैं की बाज़ार का जोर भी ये जल्दी ही करा देगा.