मेरा ब्लॉग
सोचा तो था हर हफ्ते कुछ लिखने के बारे में , जब वक्त मिलता है या यूँ कहिये मन करता है तब लिख देता हूं
शनिवार, 6 जून 2009
हाँ भिया अपन तो इन्दोरी हैं
इंदौर पर ये कविता पूनम जाजू ने भेजी हैं , लिखा किसने हैं मुझे नहीं मालूम पर इंदौर में रहने वाला व्यक्ति ही इससे समझ सकता हैं
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)